शनिवार, 2 दिसंबर 2023

पुस्तक समीक्षा : “मैथिली वेब पत्रकारिता के इतिहास”

 


हरएक भाषा के विकास और ओकर साहित्य के अपन एकटा इतिहास होइत छईक।  इतिहास लेखन के परंपरा मनुष्य अपन विकासयात्रा के अवलोकन अभिलेखन के लेल शुरू केने हेतइए। वर्तमान युग डिजिटल युग छईक। यद्यपि डिजिटल युग के शुरुआत दुनिया मे 80 के दशके सं शुरू गेल रहइक मुदा भारत मे वेब आधारित डिजिटल क्रांति के वास्तविक विकास यात्रा 21 शताब्दी के शुरुआत से मानल जा सकय अछि।

भारत के विभिन्न भाषा के संग मैथिली सेहो यात्रा मे 21 सदी के शुरुआती दशके मे सहयात्री बनल। और गोटा-गोटी प्रयास प्रयोग सब के बले बढि आई इंटरनेट के दुनिया मे खूब पुष्पित-पल्लवित रहल अछि। आई डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से जतs कतेको मैथिल युवा सब गीत-नाद, ब्लोगिंग, इंस्टा-रील मेकिंग, यूट्यूब व्लोगिंग, आदि के नई खाली मनोरंजन के दृष्टिए अपितु करियर जीविकोपार्जन के रूप मे सेहो उपयोग रहल छईथ, किछू मैथिल उद्यमी सब अपन उद्यम के प्रचार प्रसार वाणिज्यिक गतिविधि लेल भी उपयोग रहल छईथ। डिजिटल माध्यम गाँव गाँव के माय-दाय के गीत खिस्सा सब के भी डोकुमेंटेड करबाक दुनिया के समक्ष रखबाक अवसर देलक अछि। आई मैथिली के स्थापित यूट्यूब मनोरंजन समाचार चैनल उपलब्ध अछि। मुदा सब एक-दू दिन मे s गेल होई एहन बात नई छईक। एत्त तक पहुंचबाक विकास यात्रा निश्चिते शून्य से शुरू भेल छईक।

एहि यात्रा के अभिलेखित करबाक एकटा फलित यत्न छईक मैथिली साहित्यकार गज़ल विशेषज्ञ आशीष अनचीनहार के पुस्तक मैथिली वेब पत्रकारिता के इतिहास जेना कि लेखक पुस्तक के प्रारंभे मे पत्रकारिता के परिभाषित केलाह अछि जे पत्रकारिता के अर्थ भेल जे सूचना के अन्वेषन प्रसारण। किएयकि सूचना के माध्यम समाचार के अतिरिक्त साहित्य, विज्ञापन, गीत-सिनेमा, सोशल-मीडिया, फॉन्ट-लिपि आदि सब होइत छईक अतएव विषय पर लिखल गेल पुस्तक मे डिजिटल माध्यम द्वारा मैथिली मैथिल समाज के प्रचार-प्रसार के विकास यात्रा के चैप्टर बाई चैप्टर व्याख्या केल गेल अछि।

अलग अलग चैप्टर मे अलग अलग विधा यथा ब्लोगिंग, डिजिटल पत्रिका, फॉन्ट, सोशल मीडिया, यूट्यूब, फेसबुक, -कॉमर्स, धर्म-संस्कृति आदि आदि माध्यम के प्रारम्भ खोजबाक आगाक विकास क्रम के खोजबाक प्रयास लेखक द्वारा कैल गेल अछि। पुस्तक के अध्ययन के आधार पर कहल जा सकई अछि जे लेखक अई पुस्तक के केवल अपन अंदाजी अपन विचारधारा के आधार पर नै लिख देने छथि अपितु एकटा श्रमसाध्य शोध के आधार पर डेटा विवरण संकलित कैल गेल अछि। पुस्तक मे लेखक द्वारा प्रस्तुत कैल गेल संदर्भ, चर्चा आर व्याख्या एकरा अनुमोदित करई अछि। संगही हमर निजी गवाही सेहो बात के अछि किए कईएक बेर लेखक हमरो से पुस्तक मे प्रस्तुत विभिन्न आयाम के विस्तृत चर्चा क्वेश्चनेयर केने छलाह। निश्चिते हमरा सन सन बहुतो लोक सब से क्वेश्चनेयर डाटा कलेक्शन के बादे पुस्तक के ढांचागत रूप देल गेल तकरा बाद के परिशोधन समीक्षा के परिणामस्वरूप एकर वर्तमान रूप थिक।  

पुस्तक मे नई खाली मैथिली वेब पत्रकारिता के विकास यात्रा के चरण के डेटा सहित विवेचन देल गेल अछि अपितु हर विधा मे शुरुआती प्रमुख पेज के सूचीबद्धह कैल गेल छईक जे बहुत मायने मे विभिन्न लोक/अभ्यर्थी/शोधरथी आदि लेल उपयोगी सकई अछि। लेखक कहई छैथ जे अपना भरि हुनक प्रयास रहल अछि जे पुस्तक मे देल तथ्य मे त्रुटि नै होई तै लेल संग मे साक्ष्य सेहो देने छैथ, मुदा तथापि कोनो संशोधन के गुंजाइस होई तथ्य साक्ष्य के संग चर्चा कैल जा सकय अछि। पुस्तक के अध्ययन के दौरान हमरा मोन मे विचार चलि रहल छल जे पुस्तक के एकटा योग्य शोधपत्र के रूप मे देखल जा सकय अछि लेखक चाहितईथ शोधपत्र के माध्यम से पीएचडी सकई छलाह। हा..हा..हा... तथापि मैथिली से पीएचडी के लेल एकटा निक विषय निक शोधपत्र सकई अछि।

लेखक पुस्तक के विभिन्न विषय के सोशल मीडिया पर चर्चा-परिचर्चा, साक्ष्य आदि के किछ  स्क्रीनशॉट सेहो देने छैथ। विषय मे एकटा टिप्पणी देब चाहई छी जे डिजिटल कॉपी मे ठीक छै मुदा प्रिंट वर्जन मे स्क्रीनशॉट के फोटो सब के कनी क्रॉप के एनलार्ज करबाक दरकार छल जै से कि पाठक के काज के चीज ज्यादा स्पष्ट दृष्टिगोचर सकय छल।

लेखक के डिजिटल माध्यम मे मैथिली मैथिल समाज के विकासयात्रा के विकासक्रम के डोक्यूमेंट करबाक लेल पुनः साधुवाद शुभकामना।

जय जानकी।

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