फैमिली
एडॉप्शन प्रोग्राम (FAP):
चिकित्सा शिक्षा में नवाचार आ ग्रामीण भारत में स्वास्थ्य सेवाक
बढ़ावा
नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC), जे पूर्व में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) कहल जाइत छल, ग्रामीण भारत में उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा प्रदान करबाक लेल योग्य चिकित्सक केर नियुक्ति लेल निरंतर प्रयासरत अछि। एहि दिशा में, नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) द्वारा अगस्त 2019 में फैमिली एडॉप्शन प्रोग्राम (FAP) केर शुभारंभ कएल गेल, जे 2021-22 सत्र सँ एमबीबीएस छात्र-छात्रा सभक नव आधारित चिकित्सा शिक्षा (CBME) पाठ्यक्रम में समाहित कएल गेल अछि।
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) द्वारा प्रारंभ कएल गेल परिवार अपनाइब कार्यक्रम (FAP) एक रणनीतिक पहल अछि, जे चिकित्सा शिक्षा में परिवार-केंद्रित देखभाल आ दीर्घकालिक रोगी संबंध सभक समावेश कऽ रहल अछि। एहि कार्यक्रमक तहत, चिकित्सा छात्र सभ केँ दीर्घकालिक रोगी संबंध सभ सँ निपटऽ के व्यावहारिक अनुभव भेटैत अछि, जे हुनक क्लिनिकल कौशल आ परिवारक गतिशीलता केँ बुझऽ में मदद करैत अछि।
ई कार्यक्रम समग्र शिक्षा प्रदान करबाक मॉडल पर आधारित अछि, रोगी-केंद्रित दृष्टिकोण केँ प्रोत्साहित करैत अछि, आ संवाद, सहानुभूति, आ टीम वर्क जेकाँ महत्वपूर्ण सॉफ्ट स्किल्स केँ विकसित करैत अछि, जे प्रभावी चिकित्सा प्रैक्टिस लेल आवश्यक अछि।
FAP केर उद्देश्य आ प्रारूप:
फैमिली एडॉप्शन प्रोग्राम केर उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र में प्राथमिक चिकित्सक केर सेवा उपलब्ध कराएब आ एमबीबीएस छात्र-छात्रा सभ के समुदाय के वास्तविक जीवन आ हेल्थ सिस्टम केर अनुभव प्रदान कराएब अछि। एहि कार्यक्रम में, प्रत्येक छात्र-छात्रा अपन एमबीबीएस अध्ययन केर बीच मे में पाँच टा परिवारक दायित्व लैत छथि, जाहि में ओ परिवारक सामान्य स्वास्थ्य केर निगरानी करय छथि, स्वास्थ्य संबंधी समस्याक समाधान दैत छथि, आ चिकित्सा सुविधा प्राप्त करबाक दिशा में सहयोग करय छथि।
FAP केर प्रारंभ महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (MGIMS), सेवाग्राम वर्धा केर "सेवाग्राम मॉडल" स' भेल छल। एहि कार्यक्रम में छात्र-छात्रा के शुरूआत में 15 दिनक कैंप द्वारा गांधी आश्रम में नैतिक शिक्षा प्रदान कएल गेल छल, जेकर बाद ओहि समुदाय में ओ जाऽक अपन अध्ययन करैत गेलईथ। सेवाग्राम मॉडल केर आधार पर, एहि कार्यक्रम में छात्र-छात्रा कऽ परिवारक सामाजिक आ सांस्कृतिक पहलू सभ पर ध्यान देल जा रहल अछि, जै से समुदाय स्वास्थ्य व्यवस्था पर अनुकूल प्रभाव होय। एहि प्रकार सँ, FAP ग्रामीण क्षेत्रक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में सुधार करबाक दिशा में एकटा महत्वपूर्ण डेग अछि।
FAP केर क्रियान्वयन आ चुनौति सभ:
FAP केर कार्यान्वयन केर बीच मे कतेको चुनौति सभक सामना करऽ पड़ल अछि। विशेष रूप सँ समय आ संसाधन केर अभाव। कोरोना महामारी केर समय मे, कईएकटा प्रतिबंधक कारण सँ 27 घंटा केर बजाए मात्र 21 घंटा केर समय देल गेल। तथापि, एहि कार्यक्रम में छात्र-छात्रा सभ के घरे-घर जाऽक परिवारक स्वास्थ्य जांच, एनसीडी (जेना उच्च रक्तचाप, मधुमेह, आ मोटापा) केर स्क्रीनिंग, आ स्वास्थ्य सेवा प्रदान करबाक अवसर भेट रहल अछि।
कतेको ग्रामीण क्षेत्र में, स्वास्थ्य केंद्र आ चिकित्सा सुविधा के अभाव अछि, आ लोक सभक बीच मे स्वास्थ्य संबंधी ज्ञानक सेहो कमी अछि। एहि स्थिति में, FAP के माध्यम से छात्र-छात्रा के वास्तविक जीवन केर अनुभव होइत अछि आ ओ ग्रामीण क्षेत्रक समस्या सभ के लऽग सँ देखैत छथि। एहि कार्यक्रम सँ ग्रामीण क्षेत्रक लोक सभ में स्वास्थ्य सेवाक उपयोग आ स्वास्थ्य ज्ञान में सुधार संभव अछि।
FAP केर प्रभाव आ संभावना सभ:
FAP केर माध्यम सँ छात्र-छात्रा नै खाली अपन क्लिनिकल कौशलक सुधार कऽ सकय छथि, अपितु परिवारक संग मजबूत संबंध सेहो बनबैत छथि। ऐ सँ ओ अपन संवाद कौशल, सहानुभूति, आ टीमवर्क में प्रवीणता प्राप्त कऽ सकय छथि। एहि कार्यक्रम केर माध्यम सँ छात्र-छात्रा आ समुदायक बीच एकटा समझ आ विश्वास के अटूट संबंध बनैत अछि, जे ओतुक्का लोक सभक स्वास्थ्य सेवा में सुधार आ स्वास्थ्य जागरूकता के बढ़ाबैत अछि।
सेवाग्राम, केएमसी मैंगलोर, आ अन्य स्थानसभ में FAP केर सफलता सँ प्रेरित भऽ क, भारतक कतेको मेडिकल कॉलेज सभ एहि कार्यक्रम के अपन पाठ्यक्रम में शामिल कऽ रहल अछि। एहि प्रकारक कार्यक्रम सँ ग्रामीण क्षेत्रक लोक सभ में स्वास्थ्य केर प्रति जागरूकता बढ़त, आ चिकित्सक केर सेवा ग्रामीण क्षेत्र में सहज उपलब्ध होइ के संभावना मे सेहो वृद्धि हेतइक।
कार्यक्रमक लाभ:
1. नवाचार के अवसर: FAP चिकित्सा महाविद्यालय सभ केँ अपन पाठ्यक्रम में नवाचार आ वास्तविक दुनिया केर अनुभव पर आधारित नव शिक्षण विधि सभ के समावेश करबाक अवसर प्रदान करैत अछि।
2. समुदाय संग संबंध मजबूत करब: ई कार्यक्रम चिकित्सा संस्थान सभ आ समुदायक बीच संबंध मजबूत करैत अछि, जे संभावित रूप सँ बेहतर समुदाय स्वास्थ्य परिणामक दिस लऽ जेतै।
भविष्यक दिशा:
1. अनुसंधान आ मूल्यांकन: ई क्षेत्र परिवार-केंद्रित चिकित्सा शिक्षा आ रोगी परिणामक प्रभावकारिता पर अनुसंधानक अवसर प्रदान करैत अछि, जे प्रमाण-आधारित सुधारक दिशा देखा सकैत अछि।
2. डिजिटल उपकरण आ टेलिमेडिसिनक उपयोग: डिजिटल उपकरण आ टेलिमेडिसिनक उपयोग कऽ कार्यक्रमक पहुँच आ लचीलापन बढ़ाओल जा सकैत अछि, जइ सँ वर्चुअल परिवारक इंटरैक्शन आ व्यापक सहभागिता सम्भव भऽ सकाय अछि अछि।
3. दीर्घकालिक अध्ययन: FAP कऽ प्रभाव मूल्यांकन हेतु दीर्घकालिक अध्ययनक आयोजन कऽ सक्षम डेटा प्रदान कऽ सकैत अछि, जे कार्यक्रमक सुधार आ विकासक दिशा में सहायक सिद्ध होयत।
निष्कर्ष:
FAP चिकित्सा छात्र-छात्रा कऽ ग्रामीण क्षेत्रक जीवनशैली आ स्वास्थ्य समस्या सभक प्रति जागरूक करैत अछि। एहि कार्यक्रम केर माध्यम सँ, छात्र-छात्रा में आत्मविश्वासक वृद्धि होइत अछि आ ओ परिवारक सदस्य सभक स्वास्थ्य देखभाल केर बेहतर सलाह देबाक क्षमता प्राप्त करैत छथि। एहि प्रकार, FAP चिकित्सा शिक्षा में नवाचारक माध्यम सँ ग्रामीण क्षेत्रक स्वास्थ्य सेवा में सुधार आ "सबके लेल स्वास्थ्य" केर लक्ष्य प्राप्त करबाक दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निमाहि रहल अछि।
एकटार अलावा, FAP केर द्वारा कएल गेल स्वास्थ्य शिक्षा आ सेवा सँ ग्रामीण क्षेत्रक लोक सभक स्वास्थ्य व्यवहार में सकारात्मक बदलाव देखा रहल अछि, जे भविष्य में स्वस्थ समाजक निर्माण में सहायक होयत।
{शोध संदर्भ: National Board of Examinations Journal of Medical Sciences (NBEJMS), Indian Journal of Community Medicine (Wolters Kluver)}
[प्रणव झा, राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड, नई दिल्ली]
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