माँ भगवती .....सुनु दीनक विनती
एना जुनि बिसरू अहाँ माँ ..
अम्बे माँ ........दुर्गा माँ........-2
माँ त्रिलोचना अहाँ दर्शन दियौ माँ..
माँ अहाँ बिन
माँ अहाँ बिन हम्मर नै अछि कोनो गति-4
कि कहु माँ महिमा अहाँक
अहिं सं व्याप्त सगर जगत्
अहिं में लिप्त भेलै माँ-2
माँ रुसल छि किये, अहाँ बैसल छि कहाँ?
पुत्र हम छि अहींक जुनि बिसरियौ अहाँ
माँ अहाँ बिन
माँ अहाँ बिन हम्मर नै अछि कोनो गति-2
लाले लाले चुनैर ओढने
माथ मुकुट शोभा बढबै
नव नव शस्त्र धेने कर में-2
इ मनोरम छवि, लागै पूर्ण प्रकृति
माँ 'प्रणव' क रहल अछि अहींक स्तुति
माँ अहाँ बिन
माँ अहाँ बिन हम्मर नै अछि कोनो गति-2
अम्बे माँ ........दुर्गा माँ........-2
माँ त्रिलोचना अहाँ दर्शन दियौ माँ..
माँ अहाँ बिन
माँ अहाँ बिन हम्मर नै अछि कोनो गति-4
(6 मई 2005)
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