Thursday 26 May 2022

एहनो एकटा माँग, एहनो एकटा दान #संस्मरण

किछ मास पूर्व के गप्प अछि। डीएनबी पोस्ट एमबीबीएस प्रवेश के लेल मोपअप राउंड काउन्सलिंग अपन अंतिम चरण में छल। सीट अलॉटमेंट पर हमर तैनाती छल। एकटा केंडिडेट हमरा लग आबि सीट अलॉटमेंट लेबय लेल ठाढ़ भ गेल। जखन की ओकरा से उप्पर रैंक के एकटा कैंडिडेट डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशने में लागल छल तैं एकरा हम रोकने रही। किछ देरी भेला पर ओ केन्डिडेड चिड़चिड़ होमय लागल। हमहुँ अपस्यान्त भेल उपरका रैंक के केंडिडेट के हाँक पाड़ै लागेलियै, जै पर डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन डेस्क से एकटा गोर वर्णीय कैंडिडेट हमरा दिस ताकली आ बाजलि जे "सर जस्ट गिव मि अ मिनट" आ अपन काज निबटाब लागलि। हुनकर लुक किछ एहन सँ छल: गौर वर्णीय, चेक बला बुशर्ट-पैंट पहिरने, आँखि पर मेटालिक फ्रेम चश्मा, माथ पर बड़का गोलकी टिकुली साटल। खाली बैसल हम सोचए लागलहुँ जे ई कैंडिडेट के एपियरेंस से लगै अछि जे ई कोनो नीक परिवार से छथिन।

फेर जखन ओ फी पेमेंट के बाद अलॉटमेंट लेल हमरा लग एलि त हम हुनकर नाँ गुंजन झा देख पूछल जे "आर यू फ्रॉम बिहार" ओ कहलि "यस सर"। तै पर हम मैथिली में पूछल जे बिहार में कत सँ छी? ऐ बेर ओ विस्मयित मुस्कान के संग बाजलि जे दरिभंगा सँ(गाँव के नाम एखन मोन नै पड़ि रहल अछि)। तखन हम फेर पूछल जे एमबीबीएस डीएमसीएच से केलहुँ अछि..ओ बाजलि नै सासुर में केलौं रांची म।

एहि गप के क्रम में हम हुनकर प्रेफरेंस के सीट हुनका एलॉट क देलियैक फोर्टिस एस्कॉर्ट में फैमिली मेडिसिन।

सँजोग एहन सन जे जै केंडिडेट के रोकने रही ओहो एहि सीट के च्वाइस भरने छल। आब जखने ओकरा हम कहलियै जे ई सीट त उठि गेल अहाँके उपलब्ध दोसर सीट में से किछु लेब पड़त। ओकरा हमर सब के मैथिली गप्प सुनि भरिसक भेल जे हम गुंजनजी के अपनैति में सीट द देलियै।आब ओ लड़ लागल जे "मैं पहले आया तो सीट मुझे मिलना चाहिए, आप इनको सीट गलत दे रहे हो....आदि आदि।" हम ओकरा बुझब लागेलियै जे यौ सर हिनकर रैंक अहाँ सँ नीक छैन तैं ऐ सीट पर अहाँ सँ पहिने हिनकर हक छल जे हम देलियै बस। फेर ओ बाजै लागल नहीं ये गलत है ये मोपअप राउंड है तो जो पहले आएगा उसे पहले मिलेगा। आपके पास इनसे पहले मैं आया। हम फेर बुझेलियैन जे यौ सरकार मोपअप राउंड माने भेल जे, जे उपस्थित रहता खाली तिनके सीट लेल कंसीडर कैल जेतैन मुदा उपस्थित लोक में त रैंक वायोलेशन थोड़के ने हेतैक। अहाँ जेना कहि रहल छी तेना जौं होमय लागल त बाहर बैसल हजार टा कैंडिडेट एक्कहि संगे हमरा पर टूटि पड़त। मुदा हमर बुझेनाई के ओकरा पर प्रभव नै, ओ फुल लड़ के मुद्रा में आबि गेल छल। ऐ पर हम एकटा दोसर अधिकारी के कहलहुँ जे बुझाबियौन श्रीमान के, तखन जा क ओ बुझल। हम सोचै लागलहुँ जे बाप रे एहनो एहनो माँग होय छैक।

एहि काउन्सलिंग के अंत में एकटा आर अविस्मरणीय घटना भेल। एकटा कैंडिडेट छलीह हजारीबाग के। सँजोग से हुनका जेनेरल केटेगरी के अंतिम सीट एलॉट करैत रहि कॉलेज ऑफ मेडिसिन कल्याणी में फिजियोलॉजी के सीट। हुनका बाद बला कैंडिडेट सेहो वैह च्वाइस भरने छल। हम कहलियैन सॉरी, ई सीट त मैडम के एलॉट भ रहल छैक आब अहाँ लेल किछु नै बचल। तै पर ओ माथ पकड़ि बैसल। तखन ओ हजारीबाग वाली ओकरा संबोधित करैत बाजलि "एक्सक्यूजमी, आर यू सीरियस अबाउट दिस सीट? इफ यू आर सीरियस आई कैन लिव इट फ़ॉर यू" ओ लड़का कनि लजाइत-धखाइत बाजल "मैं सीरियस तो हूँ पर आप......" बीच मे बात काटैत ओ बाजलि जे आप मेरी चिंता न करें मैं तो कुछ भी कर लूँगी, एकबार फिर इक्जाम में ही बैठ लूँगी, पर मुझे लगता है कि इस सीट की मुझसे ज्यादा आपको जरूरत है और शायद मेरे से ज्यादा आप इस पोजीशन को जस्टिफाई भी करेंगे। ई कहैत ओ ऑप्टाउट क गेलि आ हम सीट ओय लड़का के अलॉट क देलियै। हमर सबऑर्डिनेट बाजल जे सर लोग यहाँ एक दूसरे को पैसे के एवज में भी अपना डीडी नही दे रहे और इसने अपनी सीट दान कर दी! हमहुँ मोनेमोन सोचय लागलहुँ जे एहनो एकटा दान होय अछि।

 

- 19.08.2018

 

#खिस्सा #कनियाँ_केर_विवाह

 

गोटैक दिन हम किछु बेसीए ड्रामैटिक सपना देख लैत छी। एहि क्रम में कहियो देखने रही जे भोला बाबा आ गौरा हमरा अपन कोरा में खेला रहल छैथ। ई त भेल बड्ड पुरान गप्प।एहने सन ड्रामैटिक सपना कैल्ह राति में देखने रही। सभटा खिस्सा त नींद टुटला के बाद मोन रहैत नै छैक तथापि स्मृतिशेष कहैत छि:
एक दिन किछ बात पर कनियाँ सँ झगड़ा भ गेल आ ओ ककरो आन सँ विवाह क लै के धमकी द देने छलीह। हम बात के हल्लुक में नेने रही मुदा कनियाँ आ ससुर महराज मिल क विवाह ठीक क लेलखिन। आब हम अफ़रिया काटै लागलहुँ। हम कनियाँ के कहल जे अहाँ साँचे दोसरा स बियाह करबै। ओ सीरियस छलीह। तखन हम कहल जे एना जुनि करू,बात के मटियाउ,देखु जे दोस(बेटी) अहाँ बिनु कोना के रहती। ऐ पर ओ बाजलि जे अहाँक दोस सेहो हमरे संगे रहती। 
 
आब हम वास्तव में बहुत परेशान भ गेलहुँ। घर मे कियौ हमरा स नै टोकि रहल छल। एन दिन पर बरियाती आयल। हम दूरे पर डिरिया रहल छलहुँ। बर क आगमन पर माँ के नजैर हमरा स मिलल मुदा बिना किछु बाजने ओ परिछन में लागि गेलीह। आब त हमर मोन काटल छागर के धड़ सन छटपट-छटपट करै लागल छल। मुदा कियौ हमरा टेरै बला नै छल। ओमहर विवाह क विधि सब एक एक क के होमय लागल छल। ऐहि बीच हम छोटका साढ़ सँ टकराएल। हम हुनका पूछल "की यौ,अहाँ ककरा पार्टी में छियै हमरा पार्टी म की हिनका सब के पार्टी म। ओ बाजल "अहाँक". ई बात हमर मरणासन आश के लेल वेंटिलेटर के काज केलक।
 
आब हम सोचै लागलहुँ जे ई विवाह के कोना भंगटायल जाए। किछु समय सोच विचार के बाद हम वेदी लग पहुंच वर पक्ष के संबोधित करैत बजलहुँ जे अहाँ सब मे कियौ पढ़ल लिखल लोक छी की नै?
ऐ पर वर पक्ष से एकटा महिला तमैक क बाजलि, अहाँक बात सुनै जोगर हमहुँ पढ़ल छी।
 
बस हम हुनका दिस ताकि, भीड़ के संबोधित करैत बजलहुँ जे हिनका स हमर तलाक नै भेल अछि।ई जे विवाह भ रहल अछि से हिन्दू कोड बिल के अनुसार इलीगल थीक। अहाँ सब के हम जहल के चक्की पिसबा देब।
ऐ बात से भीड़ में घौल भ गेल। भीड़ नहु नहु तीतर बितर होमय लागल।
 
आब नबका बर कोहबर दिस पड़ेला हमर कनियाँ लग। पाछाँ हमहुँ पडेलहु। हम बाजल बच्चा तोरा त पाँच साल लेल जहल में बंद करेबह हम। ओ बाजल पाँच नै, एक साल लेल। एक साल हम काटि लेब। हमरा मोने मोन हँसियो आबि गेल। मुदा ओय पर कंट्रोल करैत हम ओकरा धक्का दैत घरक केबाड़ के किल्ली बंद करैत बाजल, जे हम एखन हिनकर लीगल वर छी आ हमरा जे मोन से हिनका संगे एकसरे में किल्ली बन्द क के क सकैत छी। ऐ के बाद हम कानियाँ के हाथ-पैर जोड़ि नेहौरा करय लागलहुँ बियाह केंसल करै के लेल। हम कहै लागल जे देखु केहन वर अछि जेकर एकटा हाथो छोट छैक। ऐ पर ओ बाजलि जे लुल्ह थीक की?आ हँसै लागलि। हँसली त फँसलि के तर्ज पर हम ए नतीजा पर पहुँचल जे आब ई मानि गेलीह।
 
बस फेर किछ काल मे बाहरक हो हल्ला के बीच हम दुनू टेम्पू पकरि के कतहु एकसरे बौखै लेल निकली गेलहुँ। एमहर बर-बराती बेरंग घुरि गेल छल।
 
बहुत काल बाद भोरुकबा पहर हमर मोबाइल घनघनायल। मामी के फोन छल। पुछलि कतय छी अहाँ सब। हम बाजल एहिना कतौ बौख रहल छी। तै पर ओ बाजलि, टीवी फोलि क न्यूज देखू। हम मोबाइल में टीवी फोलि न्यूज लगेलहुँ त "अपने ही पत्नी को ले भागा पति। नया दूल्हा, बाराती संग बेरंग लौटा" एहन खतरनाक हेडलाइन के संग न्यूज चैनल खबर के भौकाल टाइट केने छल। खबर देख हमरा दुनू के खूब हँसी लागल। 
 
आब भोर भ गेल छल। कनियाँ बाजलि,"आब घर चलु।अहाँके ऑफ़िस सेहो जेबा के अछि।"
हम कहल "आई ऑफ़िस स छुट्टी ल नेने छी। ई कहैत हम दुनू हँसैत घर दिस विदा भेलहुँ कि कने काल मे ऑफिस के एकटा दोस्त के फोन आयल भेंट कर लेल। बड्ड आवश्यक। कनियाँ के बुजहा,हुनका घर पहुँचा ऑफिस पहुँचलौं। ओतय आवश्यक काज निबटा क सभटा खिस्सा दोस्त के कहल। ओ हमरा एकटा पान दोकान ल जा क दू टा मीठा पान गिफ्ट केलक जै पर गुलकंद सँ हमर आ कनियाँ के नाम के पहिल अक्षर बनायल छल।
ओ पान ल हम घर पहुँचल। घर पर माँ हमरा देखैते, गरा लगबैत बाजल जे "हम हरदम तोरा मुँहचोर बुझै छलहुँ, मुदा आई तों हमर मोन जीत लेलह।"
 
ऐ के बाद हम कनियाँ लग जाय लगलहुँ, मुदा ता में नींद खुलि गेल। तै के बाद कनियाँ के हथोरिया मारि के देखल त ओ बेटी संगे कुम्हकर्णी नींद म सुतल छलीह।
इति वार्ता:
सुभ रात्रि।
 
- 28 दिसंबर 2018

Monday 16 May 2022

मैं छोटी बच्ची हूँ पापा



मैं छोटी बच्ची हूँ पापा

क्यों खोते हो अपना आपा

पढ़ना लिखना सीख ही लूँगी

आगे बढ़ना सीख ही लुंगी


थोड़ी मस्ती, थोड़ा खेल

लुका छिपी, गाड़ी रेल

घूमना फिरना मेला हाट

कुछ दिन तो रहने तो ठाट

 

गुड्डा-गुड़िया, खेल-तमाशा

सारे घर की हूँ मैं आशा

ए बी सी डी, क, ख, ग, घ

मेरे साथ तुम भी पढ़ो तो


कुछ नहीं मैं कहती हूँ
गुमसुम गुमसुम रहती हूं
गुड्डो गुड़ियों से बतियाती
अपने मन की कहती हूँ।

 

माना थोड़ा जिद करती हूं

बड़ों की आदर भी तो करती हूं

कब मांगा मैं चांदी सोना

छोटा मोटा ही खिलौना


दादी-बाबा, नानी-नाना

सबका रहता एक ही गाना

सबसे बातें क्यूं नही करती

दिन भर फ़ोन पर क्यूं नही रहती


मैं तो हूँ एक नन्ही जान

एकदम से कैसे बनू महान

कुछ दिन तो मनमानी कर लूं

थोड़ा आनाकानी कर लू


एक दिन तरुणी बन जाऊंगी

कुछ ऐसा कर दिखलाऊँगी

जानेंगे सब तुमको मुझसे

छाएगा जब तुम पर बुढापा

मैं छोटी बच्ची हूँ पापा।