Sunday 16 September 2018

ऑडियोलॉजी एवं स्पीच लेंग्वेज पैथोलॉजी: बारहवीं के बाद जीवविज्ञान के छात्रों के लिए करियर विकल्प


नमस्कार दोस्तों. आज मैं जीवविज्ञान के छात्रों के लिए १२वीं के बाद एक ऐसे करियर विकल्प की बात कर रहा हूँ जो बहुत ही असंतृप्त(अनसेचुरेटेड) है और जिसमे रोजगार प्राप्ति की संभावना सौ प्रतिशत है. एक ऐसा कोर्स जिसके बाद आप पच्चीस हजार से ढाई लाख रुपये महीना तक कमा सकते हैं. एक ऐसा कोर्स जिसके बाद आप नौकड़ी कर सकते हैं, अपना क्लिनिक चला सकते हैं और किसी मेडिकल कॉलेज में प्रोफ़ेसर/कंसल्टेंट भी बन सकते हैं. मैं बात कर रहा हूँ ऑडियोलॉजी और स्पीच लैंग्वेज पैथलॉजी की. जिन छात्रों का चयन नीट के द्वारा एमबीबीएस कोर्स में नहीं हो पा रहा है, या जिनका चयन एमबीबीएस के लिए प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में हो रहा है जिसका महँगा फ़ीस देने में वो सक्षम नहीं हैं, या जो छात्र, मूक-वधिर मरीजों के सेवा और इलाज के लिए बहुत तत्पर हैं और इस क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं उनके लिए यह एक बहुत ही बढ़िया करियर विकल्प हो सकता है

ऑडियोलॉजी और स्पीच लैंग्वेज पैथोलॉजी की पढ़ाई स्नातक स्तर पर साथ-साथ होती है और स्नातकोत्तर/ पीएचडी लेवल पर आप किसी एक क्षेत्र में शोध करते हैं. स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर यह बीएएसएलपी और एमएएसएलपी के नाम से जाना जाता है. बीएएसएलपी/एमएएसएलपी कोर्स के बाद आप श्रवण एवं बोलने से सम्बंधित समस्याओं से ग्रसित मरीजों का जांच/इलाज कर सकते हैं, यद्यपि कानूनी तौर पर इन कोर्सेज के बाद आप अपने नाम के आगे डॉक्टर नहीं लगा सकते. पर यदि आपमें इसको लेकर बहुत बेकरारी है तो आप पीएचडी कर डॉक्टर सेलुटेशन भी लगा सकते हैं.

ऑडियोलॉजिस्ट क्या करते हैं:

·         ऑडियोलॉजिस्ट स्वास्थ्य प्रोफेशनल्स होते हैं जो तकनीक और अपने स्किल्स का उपयोग कर  श्रवण(हियरिंग) सम्बन्धी समस्या टिनिटस एवं अन्य वधिरता समबन्धी समस्याओं के निदान में मरीजों की सहायता करते हैं.



·         स्पीच लेंग्वेज पैथोलॉजिस्ट बोलने समबन्धी समस्याओं में मरीजों को परामर्श देते हैं एवं इलाज द्वारा उनके समस्याओं का निदान करते हैं. 



·         मरीजों को श्रवण एवं बोलने सम्बन्धी स्वास्थ्य समस्याओं और उनके उचित निदान का परापर्श देते हैं.



·         मरीजों को श्रवण सम्बन्धी उपकरणों की जरूरतों की जांच करते हैं एवं उचित श्रवण उपकरण के प्रयोग का सुझाव देते हैं एवं इन उपकरणों को फिट एवं प्रोग्राम करने का कार्य करते है.



·         एनआईसीयू में  नवजात के श्रवण एवं बोलने की क्षमता को मॉनिटर करने और उचित सहायता प्रदान करने का कार्य करते हैं.



·         विभिन्न प्रकार के श्रवण सम्बन्धी टेस्ट जैसे Pure-Tone Testing,Speech Testing,Tests of the Middle Ear,Auditory Brainstem Response (ABR),Otoacoustic Emissions (OAEs),brainstem evoked response audiometry (BERA) इत्यादि

इस प्रकार हम देखते हैं की ऑडिओलॉजी एवं स्पीच लैंग्वेज पैथोलॉजी कोर्स करके कोई छात्र मरीजों की सेवा करने के अपने सपने को पूरा कर सकता है.

रोजगार के अवसर:
बीएएसएलपी/एमएएसएलपी कोर्स करने के बाद आप विभिन्न सरकारी और गैसरकारी संस्थानों, रिहैबिलिटेशन सेंटर, यूनिसेफ, स्कुल-कॉलेजों  आदि जगहों पर काउंसेलर के रूप में नौकड़ी पा सकते हैं. इसके अलावा आप मेडिकल कॉलेजों, कॉर्पोरेट अस्पतालों, ईएनटी, नवजात अस्पताल/क्लिनिक में काम पा सकते हैं जहां इनकी काफी जरुरत है, या इन जगहों पर फ्रीलांसर सलाहकार के रूप में भी अपनी सेवा दे सकते हैं. विभिन्न फार्मास्युटिकल कंपनी जो श्रवण-बोलने सम्बन्धी यत्र बनाते हैं  भी ऑडियोलॉजिस्ट पेशेवरों को हायर करते हैं. आप उपरोक्त जांच एवं सलाह के लिए अपना खुद का क्लिनिक भी खोल सकते हैं. आप - लाख के छोटे निवेश से भी अपना क्लिनिक खोल सकते हैं. एमएएसएलपी/पीएचडी के बाद आपको किसी मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफ़ेसर का काम भी मिल सकता है और आप मेडिकल कॉलेज में शिक्षण करने का सपना भी पूरा कर सकते हैं.

भारत के मुकाबाले योरोपियन एवं अमेरिकन देशों में ऑडियोलॉजिस्ट एवं स्पीच लेंग्वेज पैथोलॉजिस्ट की कमाई कहीं ज्यादा है, अतः महत्वाकांक्षी क्षात्र इस कोर्स को कर रोजगार के लिए यूके,यूएस आदि देश जाकर अच्छा कमा सकते हैं.

बीएएसएलपी/एमएएसएलपी प्रोग्राम कहाँ से करें एवं इसमें प्रवेश की प्रक्रिया:
बीएएसएलपी चार वर्षों का पाठ्यक्रम हैं जिसमे चौथे वर्ष में आपको इंटर्नशिप करना होता है और जिसमे आपको स्टाइपेंड मिलना भी शुरू हो जाता है. एमएसी(ऑडियोलॉजी/स्पीच लैंग्वेज पैथोलॉजी) या एमएएसएलपी वर्ष का पाठ्यक्रम है जिसके बाद आप वर्ष का पीएचडी (ऑडियोलॉजी/स्पीच लैंग्वेज पैथोलॉजी) कर सकते हैं.

ऑडियोलॉजी एवं स्पीच लैंग्वेज पैथोलॉजी पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए विभिन्न संस्थानों द्वारा प्रवेश परीक्षाओं का आयोजन होता है. जागरूकता के कमी के कारण इन परीक्षाओं में चयनित होना नीट के मुकाबले काफी आसान है, बस आप अपने ग्यारहवीं-बारहवीं के पढ़ाई अच्छे से करे. कुछ संस्थान बारहवीं के मार्क्स के आधार पर भी प्रवेश देते हैं. बीएएसएलपी/एमएएसएलपी के लिए कुछ प्रमुख संस्थान की सूचि निचे दी जा रही है जहां से ७०० से ५०००० रु वार्षिक तक फ़ीस देकर ये कोर्स किये जा सकते हैं:



  • ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ स्पीच एन्ड हियरिंग मैसूर: ऑडियोलॉजी एवं स्पीच लैंवेज पैथोलॉजी में यह भारत  का नंबर वन संस्थान है और विश्व में भी यह सातवा स्थान रखता है. यहाँ पर ऑडियोलॉजी एवं स्पीच लैंवेज पैथोलॉजी के सभी पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं.
  • अली यावर जंग नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ स्पीच, हियरिंग एंड डिसएब्लिटीज मुंबई: यह देश का दूसरा बड़ा सरकारी संस्थान है जहाँ से आप कम फ़ीस में ऑडियोलॉजी एवं स्पीच लैंवेज पैथोलॉजी के कोर्स कर सकते हैं. इसके क्षेत्रीय संस्थान कलकत्ता एवं सिकंदराबाद में भी ये पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं.


  • पीजीआईएमआईर चंडीगढ़: स्वास्थ्य सेवा एवं शोध के लिए देश के उत्कृष्टम संस्थानों में से एक इस संस्थान में ७०० रु वार्षिक के बेहद सस्ते फ़ीस में आप बीएएसएलपी कोर्स कर सकते हैं.


  • जबलपुर मेडिकल कॉलेज


  • जेएनएम स्पीच एन्ड हियरिंग सेंटर, रायपुर
  • नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ स्पीच एन्ड हियरिंग



अच्छा दोस्तों उम्मीद करता हूँ की ये जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी. आपको कोई प्रश्न पूछना हो या टिपण्णी करनी हो तो कमेंट बॉक्स में करिये. ये भी बताइये की आपको ये लेख कैसा लग्गा. नमस्कार