Saturday 24 November 2018

दोसर बियाह [Second Marriage (Maithili Short Story)]



विनय काँची कामाकोटि चाइल्ड ट्रस्ट सं डीएनबी पीडियाट्रिक्स आ एफएनबी पीडियाट्रिक हीमेटोलॉजी (शिशुरोग विशेषज्ञ) क के सहरसा में नबे-नबे प्रैक्टिस शुरू केने छलाह. काँची कामाकोटि चाइल्ड ट्रस्ट सन जानल-मानल संस्थान सं शिशुरोग में विशेषज्ञता आ फेलोशिप हासिल केला के बाद कइएक महानगरीय कॉर्पोरेट अस्पताल में हिनका ज्वाइन कर के मौक़ा भेटल छल, मुदा विनय एमबीबीएस करै काल ई नियारने छलाह जे डॉक्टरी में विशेषज्ञता हासिल केला के बाद गाम घुरि औता आ सहरसा में अपन क्लिनिक खोलि के प्रैक्टिस करथिन. हुनका बुझल छल जे एही ठाम विशेषज्ञ डॉक्टर जे नैतिकता के साथ प्रैक्टिस करै, केर कमी छै आ तैं इहो विश्वास छलैन्ह जे एक बार जमि गेला मातर हिनकर प्रैक्टिस निक चलतें.

नबे-नबे क्लिनिक फुजले छल ताहि दुआरे एखन रोगी-मरीज कम्मे आबै छलैन्ह क्लिनिक पर. बेसी मरीज सब गरीब-गुरबा आ ग्रामीण परिवेश बाला सब छल. मध्यम आ उच्च वर्ग एखन धैर या त डॉक्टर विनय के क्लिनिक आ योग्यता से अनभिज्ञ छलाह आ नै त हुनकर छोट-छीन क्लिनिक आ हुनका, पहिने सं स्थापित डॉक्टर के मुकाबला में स्वीकारने नै छलाह.

एहने सन में एकटा मध्यम वर्गीय जोड़ा अपन दू मासू बच्चा के ल क हिनका क्लिनिक पर आबय लागल छलाह, आ फेर हिनका सब सं विनय के लंबा नाता बैन गेल छल. गोर-नार कनियाँ आ लंबा-तगड़ा बर. यादवजी अपने त एकदम मॉडल सन लागै छलाह. दुनू के कहाँदिन लव मैरेज छल. यादवजी अपने बिल्डिंग मटेरियल के कारोबार करै छलाह आ कनियाँ बैंक में क्लर्क छलीह. सदिखन अपन बच्चा ल के दुनू बेक्ति संगे आबै छलाह. दुनू बड्ड खुशमिजाज छलाह आ विनय के बहुत आदरो करैत छलाह.

दुनू लगभग तीन बरष धैर अपन बच्चा के ल क हिनका क्लिनिक पर आबैत रहल छलखिन मुदा तै के बाद लगभग दू बरष से हिनका क्लिनिक पर नै आयल छलखिन. हिनका होय छल जे कदाचित बच्चा स्वस्थ हेतैक या भ सकैअछि जे ओ सब  जगह या डॉक्टर बदैल नेने होइथ.

मुदा एक दिन बच्चा के माय एकसरे बच्चा के नेने हिनका क्लिनिक पर पहुँचलि. आबैत मातर विनय पुछलखिन "अरे वाह! एत्तेक दिन बाद एलहुँ अछि! की हाल चाल छैक?"
"जी सब ठीके ठाक छै." हँसैत ओ बाजलि, मुदा हुनका चेहरा पर ओ खुशमिजाजी नै देखल जे पहिने देखना में आबै छल.
"और, यादव जी के की हाल चाल? कत छैथ आई कैल्ह?"

किछ काल मौन रहला के बाद ओ बात बदलैत बाजलि जे "सर एकरा चारि दिन सं बोखार लागि रहल छै."

विनय के अंदाज लागि गेल छल जे हुनकर बात के जानी-बुझि के अनदेखल क देल गेल छल, स्वाइत ओहो ई बात के अंठिया क बच्चा के ट्रीटमेंट करै लागल छलाह.

"सर यादव जी आ हम अलग भ गेल छी."

ई सुनैत प्रेस्क्रिप्शन लिखैत विनय के कलम रुकि गेल छल.

"ओह! मुदा से किएक?   " विनय पुछलखिन.

"सर ओ बड्ड तमसाय छलाह हमरा पर, बात-बात पर चिचियेनाइ आदति बनि गेल छल हुनकर. काज-धंधा सेहो बंदे सन क देने छलाह ऊपर से हम काज पर जाय छलहुँ ताहु में शक करै लागल छलाह."

ई सब सुनैत विनय अपन भावना पर संयम राखैत एकटा प्रोफेशनल डॉक्टर जेका दवाई लिखि रहल छलाह. किये त पहिल त ई, जे ओ एखन धरि मामिला के एकै टा पक्ष सुनने छलाह आ दोसर जे ओ महिला हिनका से कोनो सलाह नै मांगने छलीह.

"ई दवाई सब बच्चा के खुआबियौ आ तीन दिन बाद फेर से देखा लेब. साधारण वायरल बोखार लागि रहल अछि, तैं घबरेबा के कनियों नै छैक." एतेक कहि विनय चुप भ गेल छलाह

मुदा जखन ओ उठि क जाय लागल छलीह त बिन मांगने सलाह नै दै के अपन सिद्धांत पर विनय के नियंत्रण नै रहलैन आ एत्तेक भरि कहि देने छलाह जे "एकबेर अहाँ दुनू के हमरो से पुछबाक चाही छल या कोनो मनोवैज्ञानिक कंसल्टेंट स सलाह ल लै के चाही छल, ख़ास क के बच्चा के भविष्य के लेल."

 "सर, आब त जे होय के छल से भ गेल. कोर्ट में सेहो मामला निबटै बला अछि. म्युचुअल डिवोर्स भेट जेतैक."

२-३ दिन बाद यादवजी सेहो क्लिनिक पर एलाह. एकसरे.

"सर हमर बच्चा आयल छल की अपन माय संगे?"

"हँ आयल छलीह, मुदा अहाँ के की भेल अछि, बड्ड कमजोर लागि रहल छी?" यादवजी के प्रश्नक जवाब में हुनकर देह-दसा देखैत विनय जवाबक संग ई सवाल केने छलाह.

"सर, हमर किडनी खराप भ गेल अछि, डायलिसिस पर छी. हमर बच्चा केहेन छै आ ओकरा की भेलै य "
"बच्चा ठीक य, साधारण वायरल बोखार छै २-४ दिन में ठीक भ जेतै. अहाँ दुनू के बीच की भेल? कत्तेक निक लागय छलहुँ दुनू एक संगे." विनय बजलाह.

"सर ऐ सब में हमरे गलती छल, पिछला दू साल सं हम ओकरा संगे बड्ड खराप व्यवहार करै लागल छलियै, बात-बात पर चिचियाइत छलहुँ, एक बेर त हाथो उठा देने छलिये, ताहि से ओ घर छोड़ि के चैल गेल छलीह."

"विवाह के कत्तेक समय भेल छल?"

"सर,  छह साल भ गेल छल."

"आ अहाँ कहिया से एना करै लागल छलहुँ?"

"सर दू-एक साल से पता नै हमरा एत्तेक तामस किएक उठै लागल छल."

"शायद अहाँ के बीपी बहुत दिन सँ हाई भेल छल" विनय बाजलाह

"हमरा पता नै छल, एक बेर स्टोन आ इंफेक्शन भेल छल."

"भ सकै अछि जे अहाँ हाई बीपी आ यूरिया बढ़ला के चलते खिसियाह भ गेल हेबै."

"भ सकै अछि सर, ई त करीब सात महीना पाहिले तकलीफ भेल छल तखन पता लागल जे क्रिएटाइन ८  भ गेल अछि."

" आ ओ अहाँ स कहिया अलग भेली?"

"करीब एक साल पहिने"

"हुनका पता छैन ई सब गप्प?"

"नै सर, आब की फ़ायदा हुनका बताबय के. ओ अपन जिनगी निक से जीबैथ आ हमर बच्चा बस ठीक से रहै आर हमरा किछ नै चाहि.ओहुना ओ शायद दोसर बियाह क रहल छथिन आ संग रहितहु कोन हुनका हमर परवाहि रहितैन." यादवजी बाजला

"डॉक्टर अपनेक किडनी के विषय में की कहै छैथ?"

"सर ट्रांसप्लांट के लेल कहल गेल अछि, ता धरि डायलिसिस" अपन दयनीय परिस्थिति के बावजूद यादवजी पूर्णत: संयत, दृढ आ शांतचित भ जवाब देने जा रहल छलाह.

"ट्रांसप्लांट करवा पेबै?" विनय पुछलखिन.

" सर दू भाई अछि हमरा, दुन्नू पहिनहे भिन्न भ गेल अछि, माय बूढ़सूढ़ अछि. तथापि छोट भाय त किडनी  देबय चाहै छल मुदा  हुनकर कनियाँ आ सासुरक लोक सब कन्नारोहैट मचा देने अछि, अस्तु आब ओहो नै द सकत."

ऐ तरहे ओ लंबा-चौड़ा, हट्ठा-कट्ठा नौजवान के जीवन विनय विनय अपना सामने ऐ तरहे बदलैत देखलखिन

किछ देर आर गप्प केलाक बात ओ चल गेल छल.

तीन दिन बाद हुनकर कनियाँ बच्चा के ल क फेर आयल छलीह. बच्चा ठीक छल.

"सर एकटा बात पूछी?" चिरपरिचित चहचहाट के संग ओ बाजलि

हँ हँ किएक नै पुछू. "हम यदि दोसर बियाह क लेब त हमर बच्चा के दिमाग पर खराप प्रभाव त नै पड़तैक?"

ऐ बातक उत्तर विनय बहुत जल्दी आ संक्षिप्त में द क बचै चाहै छलाह. अस्तु बजलाह "ई त बहुत रास बात पर निर्भर करत पहिल त ई जे जकरा सं अहाँ विवाह करबै ओकर ऐ बच्चा के प्रति की व्यवहार रहैत छैक, किएक भ सकै अछि जे अहाँक बच्चा कइएक महीना या साल भरि हुनका बाप के रूप में नै देख पाबै. यादवजी के किछ खबर अछि अहाँके?" संक्षिप्त उत्तर दैत विनय ई प्रश्न केने छलाह.

"नै बस कियौ कहै छल जे दारू पी पी के कमजोर भ गेल अछि." ओ बाजलि
"एहन बात नै छैक, अहाँक पता होबाक चाहीए छल जे हुनकर दुनू किडनी खराप भ गेल अछि, पिछ्ला छः मास सं ओ डायलिसिस पर जीब रहल छैथ. आ जखन अहाँ दुनू संग छलहुँ हमरा लगै अछि जे तखने सं हुनकर किडनी के शिकायत प्रायमरी फेज में छल आ हाई बीपी आ शारीरिक बदलाव के कारणे ओ एहन खिसियाह भ गेल छलाह आ काज-धंधा पर ध्यान नै दैत छलाह." विनय बाजल छलखिन.

ई सब गप्प सुनि के यादवजी के कनियाँ के मुंह अवाक भ गेल छल.

विनय के हुनकर चेहरा पर बनैत बीतल समय में घटल घटना सब के तीव्र फ्लैशबैक के अंदाज लागय लागल छल. जेना कोनो प्रोजेक्टर पर कोनो फिल्म के रिपीट क देल गेल होय आ क्रिटिक ओकर सीन सब के नब दृष्टिकोण आ व्याख्या के संग देख रहल होय.

फेर फ़टाफ़ट ओ उठली आ बच्चा आ इलाजक फ़ाइल लय ओ बाहर चल गेली. कदाचित ओ अपन मोनक भीतरी भाव के विनय तक नै पहुँच दैत चाहै छलीह, शायद ओ अपन व्यथा ककरो नै बतबै चाहे छलीह.

अब विनय अपन कुर्सी पर पाछाँ धसि गेल छलाह आ अगिला मरीज के आबय के बाट ताकईत सोचे लागल छलाह जे व्यर्थे ओ हुनका ई सब गप्प बता देलखिन. बेचारी कतेक खुश छलीह. दोसर बियाह करै वाली छलीह, करितथि त अपन नव जिनगी के तलाश करितथि, हमर ऐ में की जाय छल...आदि..आदि....

ऐ घटना के करीब तीन महीना बीत गेल छल. एक दिन अचानक से ओ दुनू बेक्ति फेर अपन बच्चा संगे विनय के क्लिनिक पर उपस्थित छलाह. पहिलुके चिर-परिचित अंदाज में ओ बाजलि...

"सर पन्द्रहम दिन हिनकर रीनल ट्रांसप्लांट करवा रहल छी"

"अरे वाह, डोनर भेंट गेल?" उत्साह आ ख़ुशी मिश्रित भाव स विनय पुछलखिन

"जी, सर हमर सभटा जांच भ गेल अछि, किडनी मैच क गेल छैक" ओ बजली.

ऐ पर यादवजी बाजला "जी सर ई किडनी द रहल छैथ हमरा".

"दोसर बियाह क रहल छथिन ई.......हमरा सं" कनियाँ के खिसियाब के अंदाज में यादव जी बाजल छलाह. प्रेम, ख़ुशी आ उमंग के चमक हुनकर आँखि में साफ़ देखल जा सकै छल.

आई विनय सेहो अपना आप में बहुत संतुष्टि के अनुभव क रहल छलाह...सोचि रहल छलाह जे मनुक्खक केहन केहन व्यवहार होइत अछि....

Friday 9 November 2018

चनमा(मैथिली खिस्सा) Chanma - Maithili Short Story

सुधीर बाबू एकटा सहृदय, कर्मठ आ सफल आपीएस ऑफिसर छलाह. डीआईजी के पद से रिटायर भेला के बाद ओ राजनीति में आबि गेल छलाह. अपन सेवा के एकटा पैघ हिस्सा बिहार में बितेला के बाद ओ बिहार विधान सभा में विधायक आ फेर बिहार सरकार में मंत्री सेहो बनलाह. एकबेर कोनो सरकारी काज सं चंडीगढ़ गेनाइ भेलैन, संगहि पार्टी के कोनो कार्यक्रम सेहो छल.

दिन भरि के कार्यक्रम से थाकल-ठेहिआयल सुधीर बाबू सांझ काल में जखन  गेस्ट हाउस के अपन कमरा में सुस्ताईत छलाह तखने अर्दली हिनका लग आबि के एकटा विजिटिंग कार्ड दैत कहलक जे श्रीमान कोई आपसे मिलने की बहुत जिद कर रहा है, नाम चनमा बता रहा है और कह रहा है की आपके बिहार के बेगूसराय जिला से है और आपसे पुराना जान पहचान है. ओ कार्ड पढ़ल लगलाह...चंद्र प्रकाश यैह नाम लिखल छल कार्ड पर आ नीचा कोनो ढाबा के पता. बड्ड मोन पाडला के बादो हिनका ऐ नाम के कोनो लोक मोन नै पड़लै, थकनी से मोनो अलसायाल छल. एक मोन त भेलै जे कहि दी जे हम नै भेंट क सकै छी अखन. मुदा फेर नै जानि की फुरेलैन जे ओ बजलाह जे अच्छा बजेने आबह ओकरा.


किछ काल में अर्दली ४५-४६ वर्षक एकटा लोक के संग नेने आयल. सुधीर बाबू ओकर चेहरो देख के कतबो मोन पाड़ला पर चिन्ह नै पेलखिन तखन ओ अपन परिचय देत सुधीर बाबू के अपन समक्ष साक्षात देख ख़ुशी के मारल काने लागल छल. 'चनमा' उर्फ़ चद्र प्रकाश से सुधीर बाबू के कोनो विशेष जान-पहचान या सम्बन्ध छल एहन कोनो बात नै छलै. मुदा दुनू के बीच सम्बन्ध जोड़ बला करीब २५-२६ बरष पुरान एकटा घटना छल. सुधीर बाबू के आँखिक आगा ओ घटनाक्रम आब एकटा सिनेमा जेकाँ चल लागल:
बात करीब पच्चीस-छब्बीस बरष पहिने के छल जखन सुधीर बाबू बेगूसराय जिला में पदस्थापित छलाह. एकदिन जखन सुधीर बाबू गंगा दियारा एरिया में पुलिस के किछ जवान के संग छापामारी क के वापस लखीसराय जिला मुख्यालय घुरैत छलाह त रस्ता में हुंकार जीप ख़राब भ गेलैन. ओ एकटा भयंकर बरसाती राति छल. कत्तौ कोनो सुविधा नै. स्वाइत गाडी ठीक होय के संभावना भोर होय से पहिने किन्नहुँ नै छल. ताहि दुआरे ई ऑर्डर केलखिन जे रात्रि विश्राम एम्हरे कतौ कैल जाय. अस्तु बगल के गाम में किछ घर सं खाट मंगवा क ई सब एकटा किसान के पैघ सन दालान पर आराम करै लागलाह.  पैघ पुलिस अ अफसर के एकटा अलगे रूतबा होय छैक आ ग्रामीण समाज में एहन सन अधिकारी के इज्जातो ततबे होइत छैक. स्वाइत एकटा ग्रामीण आबि हिनका पुछलकैन जे सर एकटा छौरा अहाँके देह-हाथ जाँते चाहैत अछि. थाकल त छलाहे, झट द हं कहि देलखिन. हिनका हँ कहते एकटा उनइस-बीस बर्षक छौरा आबि के हिनकर देह-हाथ जाँते लागल छल. नाम पुछला पर अप्पन नाम ओ बतेने छल जे सर नाम त ओना चंद्र प्रकाश अछि मुदा लोक चनमा-चनमा कहैत अछि.

कनि काल जाँतेला मातर जखन सुधीर बाबू के देह किछु हल्लुक बुझेलैन तखन ओ चनमा से पुछलखिन जे तों एहि गिरहत के एतय काज करै छहक की? ओ कहलक "नै सरकार हमरा अहाँ सं किछु कह के छल ताहि से अवसर देखल मातर पैरवी लगा अहाँ समक्ष एलहुँ अछि. हम मैट्रिक पास छी, आ बड्ड निक विरहा गाबि लैत छी, एम्हर-आम्हार, मेला-ठेला में अपन कला के प्रदर्शन क के किछु रोजी-रोटी कमा लैत छी. अहाँ सुनबै हमर गाओल गीत?"
सुधीर बाबू के हँ, कहला पर ओ लगभग आधा-पौना घंटा भरि बिरहा गाबि-गाबि के सुनेलकैन. चनमा के आवाज में सरिपहुँ बड्ड दर्द आ बुलंदी छल. स्वाइत गीत सुनैत-सुनैत सुधीर बाबू के कोरह फाटि गेलैन, नै त पुलिस क आँखि में कहिं एहिना नोर आबै! एहन गुणी कलाकार सं देह-हाथ जँताबैत आब सुधीर बाबू के मोने-मोन ग्लानि होमय लागल छल, आ ओ गीत सुनैत-सुनैत उठि बैसला आ ओकरा कहलखिन जे "तोहर गीत में बड्ड बुलंदी आ दर्द छह. आई कतेको दिन बाद तों हमरा कना देलह अछि. कह, तोरा की इनाम दी चनमा?"
किछ काल सोचला उत्तर ओ बाजल  "सरकार गाँव में एकटा बाबू साहेब छै. हमर बाबू एकबेर ओकरा से किछु टाका उधार नेने छलाह. मुदा बाबू साहेब के सुईद क जाल में ओ एहन ओझरेला जे बाबू साहेब के ड्योढ़ी पर १० बरष तक बेगार खटला, खटैत-खटैत बेचारे स्वर्ग चलि गेला मुदा हुनका मुइलो मातर, बाबू साहेब के कर्ज नै ख़तम भेल. बाबू साहेब चाहैत छलाह जे बाबू के बाद आब हम ओकरा ड्योढ़ी पर बेगार खटी. हम गाम-गमाइत घुमि-घुमि विरहा गाबि किछ आमदनी करैत छी, जौं हिनका एतय बेगार खटती त पेट कोना क भरितियै. ताहि सं हम हिनकर बेगार करय से मना क देलियै. बस यैह बात हिनका लागि गेलैन आ इ हमरा पर लागि गेल छैथ. पिछला किछु मास सं हमरा खिलाफ थाना म चोर-डकैती आ लूट-पाट के  कइएक टा फुइस केस दर्ज करा देल गेल अछि, तहिया स हम मारल-मारल फिरि रहल छी. एकटा हरमुनिया मास्टरजी छैथ ओ अहाँ के विषय में बतेलैथ तखन हम बड्ड हिम्मत क क आ पैरवी लगा अहाँ सोझा उपस्थित भेलहुँ अछि, आब अहाँ स एतबे गोहराबै छी जे हमरा संगे इन्साफ क देल जाउ सरकार" इ कहैत ओ सुधीर बाबू के पैर धर लगलै. सुधीर बाबू ओकरा पकड़ैत कहलखिन जे हम अहाँक व्यथा सुनल, आ आश्वस्त करै छी जे भोरे-भोर हम एहि मामला के देखबै.

भोरे लोकल थाना पर जा क सुधीर बाबू चनमा के खिलाफ दायर सबटा मामिला के रिपोर्ट मँगबा के देखलखिन. पुलिसिया ज्ञान आ आ अनुभव के बले रिपोर्ट पढले सं लगाओल आरोप सब झूठ छैक से बुझह में कोनो भांगट नै रहलैन. किएकि घटना स्थल सब फराक-फराक आ बेस दुरी पर छल मुदा केस के गवाह सब ओहि बाबू साहेब के परिवार के लोक आ नौकर-चाकर सब छल. चनमा स चोरी आ लूट के कोनो सामानो नै बरामद भेल छल. रिपोर्ट के वृहत्त निरिक्षण के बाद सुधीर बाबू थाना इंचार्ज के केस ख़तम करै के आदेश देलखिन. चनमा के इ सुनि क आँखि में ख़ुशी के नोर आबि गेल छल.

सुधीर बाबू के चेहरा पर संतोषप्रद मुस्की छलैन्ह. ओ चनमा से कहलखिन जे आब तों आजाद छह, जे मोन से कर लेल.



ऐ पर चनमा बाजल, "सर, एतेक भेला के बाद जँ हम एहि एरिया में रहि गेलि त बेसी दिन तक ज़िंदा नहीं बचब. तैं आब हम नियाएर लेलहुँ अछि जे आब हम पंजाब चलि जायब. जीब त ओत्तहि किछु मजूरी क के कमा-खा लेब. सुधीर बाबू के जेबी में जे किछु टाका छल से ओकरा हाथ के दैत कहलखिन जे राखि ले, बाट में काज ऐतौ, किछु सहृदय गौंआ सब सेहो चन्दा क के ओकरा किछ कैंचा द देने छल.

समय के संगे सुधीर बाबू के स्मृति में ऐ घटना पर पर्दा परि गेल छलै य. आई बर्षो-बर्ष बाद चनमा स भेंट भेला पर ओ स्मृति फेर ताजा भ गेल छल. जखन चंद्रप्रकाश सुधीर बाबू के गोर लागय लेल झुके लागल त ओ ओकरा कसि क पकड़ैत गला लगाबैत कहलखिन नै-नै एहन जुलुम फेर नै, अहाँ सन कलाकार से एकबेर फेर पैर छुआब के पाप नै करब हम. एक अर्थ में त अहाँ हमर गुरुओ छी, किएकि करियर के शुरुआती समय में अहिं स हमरा ज्ञान भेंटल जे पुलिस आ अदालत में इन्साफ तखन तक संभव नै अछि जा धरि अधिकारी सब लग एकटा संवेदनशील ह्रदय नै होय आ रिपोर्ट आ गवाह से इतर सेहो किछ बात भ सकै अछि इ महसूस कर के इच्छा-शक्ति नै होय.

गरा लगैत ओ सुधीर बाबू के भरि पांझ के ध नेने छल. ख़ुशी के मारल ओकरा आँखि से नोर ढब-ढब चुबै लागल छल. कनिक काल बाद मोन स्थिर भेला पर ओ बतेलक जे दस साल धरि एकटा रेस्टोरेंट में मजूरी केला के बाद ओ एतय अपन एकटा छोट छिन होटल(ढाबा) खोलि नेने अछि आ कैटरिंग के काज करैत अछि. अपने एरिया के एकटा लड़की से बियाहो केलक आ ओकरा दू टा बच्चो छै एकटा कॉलेज में पढ़ैत अछि आ एकटा स्कुल में. ओ कहै लागल जे ओकर परिवार हिनका हरदम याद करैत छैन आ एकबेर भेंट करै छैयत छल.

अस्तु "आई राति के भोजन तखत तोरे घर पर हैतैक" सुधीर बाबू के इ बात कहैत दुनू के चेहरा पर एकबार फेर सुखद मुस्कान आबि गेल छल, जेना दिन भैर के यात्रा के बाद सांझुक पहर आमक झोंझेर में आदित्य एकबेर फेर लालिमा बीछेने होइथ!