मास्क पहिरि क ईस्कूल चल
युग बदललै तोहूँ बदल
ज़माना बड्ड खराप छैक बुच्ची
सुनि ले माय-बापsक कहल
नै भेंटतौ ओ आम-लताम
छुटलौ तोहर बाप केर गाम
हाड़-तोरि ओ मेहनत करौथ
टाका कमबथु स्वास्थ्य केर दाम
पोखरि मुईन ओ घर बनेलखुन
यमुना कात मे प्लॉट कटेलखुन
माछsक झोरी बिसरी के आब ओ
फास्टफूड ओ फ़ोइल मे लाबथुन
गाछ-वृक्ष से नै मतलब छै
वायु शोधक खूब बिकई छै
हवा मे जखने ज़हर घुलै छै
किसान सब के नाम अबई छै
मुदा नै भेंटतौ समाधान
किए के
देतई कियौ कान !तैं गे बुच्ची कहल मान
मुश्किल में छै सबहक जान !
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