कौन तुम मेरे लिए ?
तुम प्रेरणा हो मेरी, जिसकी वजह से
मैं शान से जी पाता हूं ।
तुम शक्ति हो मेरी जिसकी वजह से
मैं हर रूकावट से लड़ पाता हूं ।
तुम अभिलाषा हो मेरी
जिसे मैं कयामत तक पाना चाहता हूं ।
तुम अभिमान हो मेरी जिसकी वजह से
मैं हर कदम आगे चल पाता हूं ।
तुम लोरी हो मेरे लिए, जिसे सुनकर
मैं चैन की निंद सो पाता हूं ।
तुम संगीत हो मेरे लिए, जो
मेरे ह्रदय के स्पंदन में बजता है ।
तुम कल्पना हो मेरे लिए, जिसपर सवार हो
मैं ब्रह्मांड की यात्रा को उद्यत हूं ।
तुम पुष्प हो जिसके सौंदर्य और गंध से
मैं प्रतिपल ताजा हो जाता हूं ।
तुम बारिश हो मेरे लिए, जिसकी हर बूंद का
जन्मों से मैं प्यासा हूं ।
तुम तपिस हो मेरे लिए, जिसकी विरह में
मैं दिवा-रात्रि ज्वलित होता हूं ।
तुम चांदनी हो मेरे लिए, जिसकी शीतलता में
मैं प्रतिपल नहाना चाहता हूं ।
तुम लता हो मेरे लिए, जिसके आबंध में
मैं ताउम्र बंधना चाहता हूं ।
तुम शिवा हो मेरे लिए, जिसकी भक्ती में
मैं डूब जाना चाहता हूं ।
तुम प्रार्थना हो मेरे लिए, जिसे
मैं मां के चरणों में गाना चाहता हूं ।
तुम वचन हो मेरे लिए, जिसे
मैं आजीवन निभाना चाहता हूं ।
तुम ज्ञान हो मेरा जिसकी अंशु से
मैं निशदिन ज्योतिर्मय होना चाहता हूं ।
तुम जान हो मेरी, जिसे
मैं जानना चाहता हूं ।
तुम आत्मा हो मेरी, जिसे
मैं आत्मसात करना चाहता हूं ।
- २७ मई २०१०
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