के अहां . . . हमरा लेल?
अहां प्रेरणा छी हमर, जिनका लेल
हम आगां बढि जाय चाहैछि ।
अहां मान छी हमर जिनका होबय सं
हम शान सं जीब पाबैछि ।
अहां शक्ति छी हमर जिनका होबय सं
हम सब अवरोध सं पार पाबैछि ।
अहां अभिलाषा छी हमर, जिनका
हम कयामत धरि पाबै चाहैछि ।
अहां आश छी हमर जिनका पबय हेतु
हम कदम-कदम आगा धरि चलल जाइछि ।
अहां लोरी छी हमरा लेल, जकरा सुनि क
हम चैन के निंद सुतैछि ।
अहां संगीत छी हमरा लेल, जिनक तान
हमर हृदयक स्पंदन में गुंजायमान अछि ।
अहां कल्पना छी हमर, जै पर सवार भ
हम ब्रह्मांड्क यात्रा लेल उत्साहित छी ।
अहां पुष्प छी जकर सौंदर्य आ गंध सं
हमर आत्मा प्रतिपल ताजा होई अछि ।
अहां बसात छी हमरा लेल, जेकर
हर बूंद के हम जनमों सं पियासल छी ।
अहां तपिस छी हमरा लेल, जनिक विरह में
हम दिवा-निशि जड़ैत रहलौं अछि ।
अहां पूर्णिमा छी हमरा लेल, जिनक शितलता
में सदिखन हम नहाय चाहैछि ।
अहां लता छी हमरा लेल जिनका पाश में
हम ताउम्र बन्हाय चाहैछि ।
अहां शिवा छी हमरा लेल, जिनकर भक्ति में
हम डूब जाय चाहैछि ।
अहां प्रार्थना छी हमरा लेल, जे
हम माईक चरण में गाब चहै छी ।
अहां वचन छी हमरा लेल, जे हम
आजीवन निभाब चाहैछि ।
अहां ज्ञान छी हमर जेकर अंशु सं
हम दिवानिशि ज्योतिर्मय होबय चाहैछि ।
अहां जान छी हमर जिनका
जानय के हम अभिलाषी छी ।
अहां आत्मा छी हमर जिनका
हम आत्मसात कर चाहैछि ।
- ७ अप्रैल २०१५
अहां प्रेरणा छी हमर, जिनका लेल
हम आगां बढि जाय चाहैछि ।
अहां मान छी हमर जिनका होबय सं
हम शान सं जीब पाबैछि ।
अहां शक्ति छी हमर जिनका होबय सं
हम सब अवरोध सं पार पाबैछि ।
अहां अभिलाषा छी हमर, जिनका
हम कयामत धरि पाबै चाहैछि ।
अहां आश छी हमर जिनका पबय हेतु
हम कदम-कदम आगा धरि चलल जाइछि ।
अहां लोरी छी हमरा लेल, जकरा सुनि क
हम चैन के निंद सुतैछि ।
अहां संगीत छी हमरा लेल, जिनक तान
हमर हृदयक स्पंदन में गुंजायमान अछि ।
अहां कल्पना छी हमर, जै पर सवार भ
हम ब्रह्मांड्क यात्रा लेल उत्साहित छी ।
अहां पुष्प छी जकर सौंदर्य आ गंध सं
हमर आत्मा प्रतिपल ताजा होई अछि ।
अहां बसात छी हमरा लेल, जेकर
हर बूंद के हम जनमों सं पियासल छी ।
अहां तपिस छी हमरा लेल, जनिक विरह में
हम दिवा-निशि जड़ैत रहलौं अछि ।
अहां पूर्णिमा छी हमरा लेल, जिनक शितलता
में सदिखन हम नहाय चाहैछि ।
अहां लता छी हमरा लेल जिनका पाश में
हम ताउम्र बन्हाय चाहैछि ।
अहां शिवा छी हमरा लेल, जिनकर भक्ति में
हम डूब जाय चाहैछि ।
अहां प्रार्थना छी हमरा लेल, जे
हम माईक चरण में गाब चहै छी ।
अहां वचन छी हमरा लेल, जे हम
आजीवन निभाब चाहैछि ।
अहां ज्ञान छी हमर जेकर अंशु सं
हम दिवानिशि ज्योतिर्मय होबय चाहैछि ।
अहां जान छी हमर जिनका
जानय के हम अभिलाषी छी ।
अहां आत्मा छी हमर जिनका
हम आत्मसात कर चाहैछि ।
- ७ अप्रैल २०१५
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