सुनो तुम्हें सुनाता हूं मैं, एनबीई की कार्यप्रणाली
गुमसुम हो कर बैठे हो क्यों, खोलो हाथ बजाओ ताली
देता हूं तुमको मैं ज्ञान, क्या होता है प्रत्ययन
अस्पताल जिनमें हो, कम से कम 200 बेड
अनुभवी शिक्षक और, जरूरत के सारे इक्विपमेंट
करते हैं वो आवेदन, चलाने कोर्स डीएनबी
दस्तावेज के साथ भेजते, आवेदन की पूरी फी
फिर होता है निरीक्षण, और लग जाते हैं परीक्षक
रपट भेजते हैं जो करके, अस्पताल का परीक्षण
उन रपटों का अध्ययन करके, कमियां हैं खोजी जाती
उन कमियों को दूर करने की, उसके बाद बारी आती
फिर 1 दिन प्रत्ययन समिति की, बैठक है बुलाई जाती
रखा जाता केस और फिर, सामूहिक निर्णय आता
किसी को मिलता सुझाव और, कोई है प्रत्ययन पाता
गुमसुम हो कर बैठे हो क्यों, खोलो हाथ बजाओ ताली
देता हूं तुमको मैं ज्ञान, क्या होता है प्रत्ययन
अस्पताल जिनमें हो, कम से कम 200 बेड
अनुभवी शिक्षक और, जरूरत के सारे इक्विपमेंट
करते हैं वो आवेदन, चलाने कोर्स डीएनबी
दस्तावेज के साथ भेजते, आवेदन की पूरी फी
फिर होता है निरीक्षण, और लग जाते हैं परीक्षक
रपट भेजते हैं जो करके, अस्पताल का परीक्षण
उन रपटों का अध्ययन करके, कमियां हैं खोजी जाती
उन कमियों को दूर करने की, उसके बाद बारी आती
फिर 1 दिन प्रत्ययन समिति की, बैठक है बुलाई जाती
रखा जाता केस और फिर, सामूहिक निर्णय आता
किसी को मिलता सुझाव और, कोई है प्रत्ययन पाता
सुनो तुम्हें सुनाता हूं मैं, एनबीई की कार्यप्रणाली
गुमसुम हो कर बैठे हो क्यों, खोलो हाथ बजाओ ताली
एनबीई करवाता है, कितनी सारी परीक्षाएं
डॉक्टर बनने के लिए सभी को, इनसे तो गुजरना है
नीट पीजी, एसएस, एम डी एस के साथ एफ़एमजीई भी
डीएनबी, एफ़एनबी तो, ट्रेनिंग के बाद करना है जी
सुनो तुम्हें सुनाता हूं मैं, एनबीई की कार्यप्रणाली
गुमसुम हो कर बैठे हो क्यों, खोलो हाथ बजाओ ताली
डीएनबी में प्रवेश के हेतु होता ऑनलाइन काउंसलिंग
सीट आवंटनके बाद है मिलता, जॉइनिंग के लिए 7 दिन
जॉइनिंग के बाद उम्मीदवार, करवाते हैं पंजीयन
अस्पताल में ट्रेनिंग करते लगाकर अपना तन और मन
सुनो तुम्हें सुनाता हूं मैं, एनबीई की कार्यप्रणाली
गुमसुम हो कर बैठे हो क्यों, खोलो हाथ बजाओ ताली
बढ़ाते अपना ज्ञान वेबइनियर और सीएमई द्वारा
एफ़एटी परीक्षा से लेते हैं, भाँप अपनी कमियां सारा
तब आता है थीसिस को, सबमिट करने की बारी
साथ शुरू हो जाता है, अंतिम परीक्षा की तैयारी
करते हैं उत्तीर्ण जो परीक्षाएं प्रायोगिक और सिद्धान्त
मिलती हैं डिग्री उनको जब आयोजित होता है दीक्षांत
सुनो तुम्हें सुनाता हूं मैं, एनबीई की कार्यप्रणाली
गुमसुम हो कर बैठे हो क्यों, खोलो हाथ बजाओ ताली
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1. एनबीई का है यह नारा स्वास्थ्य सुलभ हो देश हमारा
2. जय भारत जय एनबीई
डॉक्टर बनने के लिए सभी को, इनसे तो गुजरना है
नीट पीजी, एसएस, एम डी एस के साथ एफ़एमजीई भी
डीएनबी, एफ़एनबी तो, ट्रेनिंग के बाद करना है जी
सुनो तुम्हें सुनाता हूं मैं, एनबीई की कार्यप्रणाली
गुमसुम हो कर बैठे हो क्यों, खोलो हाथ बजाओ ताली
डीएनबी में प्रवेश के हेतु होता ऑनलाइन काउंसलिंग
सीट आवंटनके बाद है मिलता, जॉइनिंग के लिए 7 दिन
जॉइनिंग के बाद उम्मीदवार, करवाते हैं पंजीयन
अस्पताल में ट्रेनिंग करते लगाकर अपना तन और मन
सुनो तुम्हें सुनाता हूं मैं, एनबीई की कार्यप्रणाली
गुमसुम हो कर बैठे हो क्यों, खोलो हाथ बजाओ ताली
बढ़ाते अपना ज्ञान वेबइनियर और सीएमई द्वारा
एफ़एटी परीक्षा से लेते हैं, भाँप अपनी कमियां सारा
तब आता है थीसिस को, सबमिट करने की बारी
साथ शुरू हो जाता है, अंतिम परीक्षा की तैयारी
करते हैं उत्तीर्ण जो परीक्षाएं प्रायोगिक और सिद्धान्त
मिलती हैं डिग्री उनको जब आयोजित होता है दीक्षांत
सुनो तुम्हें सुनाता हूं मैं, एनबीई की कार्यप्रणाली
गुमसुम हो कर बैठे हो क्यों, खोलो हाथ बजाओ ताली
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1. एनबीई का है यह नारा स्वास्थ्य सुलभ हो देश हमारा
2. जय भारत जय एनबीई
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