देखो आया दुर्गा पूजा
इसके सा न पर्व है दूजा
विद्यालय में हो गई छुट्टी
दोस्तों से ना करना कुट्टी।
सज गए मंदिर और पंडाल
भक्तगण हो गए निहाल
पहन के कपड़े पीले लाल
बच्चे गए अपने ननिहाल।
पंडित करते मंत्र उच्चारण
डायन चलाएं मोहिनी मरण
रंग बिरंगा सज गया मेला
मेले में ना रहो अकेला।
कोई खाए गरम समोसा
कोई खरीद कर खाए केला
किसी ने खरीदा लाल गुब्बारा
किसी ने सही निशाना मारा
मिलजुल कर हँसी खुशी से
आओ मनाए पर्व दशहरा॥
(26.10.2000 – पुरानी गली @पंडौल )
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