देखो देखो आया बंदर
खुद को वो समझे सिकंदर
उछल कूद कर नाच दिखाता
घुस जाता वह घर के अंदर
देखो देखो आया बंदर।
देखो आया एक कलंदर
पकड़ लिया उसने वो बंदर
उसने उसको नाच सिखाया
शहरों मे उसे खूब नचाया
खेल दिखाता मचल मचल कर
ख़ूब डराता उछल उछल कर
देखो देखो आया बंदर ।
(15.10.2000 – पुरानी गली)
No comments:
Post a Comment