देखो आया बंसी वाला
सूरत से लगता है ग्वाला
गले में है मोतियों की माला
शायद है यह नंद का लाला
देखो आया बंसी वाला॥
देखो देखो किशन कन्हैया
चरा रहे गोकुल की गैया
गोपियाँ कहे यशोदा मैया
बड़ा नटखट है तेरा कन्हैया
आदत इनका बड़ा निराला
चुरा कर खाते माखन प्याला
साथ में है मित्रों का टोला
देखो आया बंसी वाला
मधुर तान मे बंसी बजाए
सब जीवों को खूब ये भाए
देख मंद मंद मुसकाए
मोर मुकुट धारण करते हैं
तन का रंग है किन्तु काला
देखो आया बंसी वाला
(12.10.2000 पुरानी गली @ पंडौल)
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